Beautifulness of Inner Beauty Beautifulness of Inner Beauty
क्योकि हैं वो भी सपूत इसी धरती के , उत्पन हुए वो भी प्रकृति के ही बीज से! क्योकि हैं वो भी सपूत इसी धरती के , उत्पन हुए वो भी प्रकृति के ही बीज से!
रहना है हमें अब सावधान भेड़ियों की हर चाल का भांपना है अब हमें , उनसे पहले , वो सोच रहे ! रहना है हमें अब सावधान भेड़ियों की हर चाल का भांपना है अब हमें , उनसे पहले ,...
तोड के सब जंजीरें रेत से लिपट जाना चाहती हूं मैं जीवन रंगना चाहती हूं। तोड के सब जंजीरें रेत से लिपट जाना चाहती हूं मैं जीवन रंगना चाहती हूं।
भारत के सम्मान को तुम शिखर पहुँचाते हो। भारत के सम्मान को तुम शिखर पहुँचाते हो।
थी हमेशा हिम्मत डंडा खाने की , सिर तोड़वाने की , और उफ़ ना करने की! थी हमेशा हिम्मत डंडा खाने की , सिर तोड़वाने की , और उफ़ ना करने की!